Sunday 26 February 2017

अकेला

मनुष्य दुनिया में अकेला आया है
अकेला ही जायेगा
पर इस आने और जाने के अंतराल में उसकी मुलकात अनेक रिश्तों से होती है
माता-पिता,भाई बहन,गुरु मित्र और भी बहुत से रिश्ते
इन रिश्तों को निभाते हुए हमको अपनी एक पहचान बनानी होगी
समाज के सामने एक example set करना होगा जिससे लोग हमें एक अच्छे इंसान के रूप में याद करें।
बहुत लोग आते है और चले जाते हैं
सबको हम याद नहीं करते, याद वही किये जाते है जो समाज के लिए कुछ कर गुजरते हैं.
अपने लिए जिए तो क्या जिए, जीना उसी का नाम है जो दूसरों के लिए जिए.
दूसरों के लिए कुछ करके देखिये आपको आत्मिक सुख की अनुभूति होगी,लगेगा जीवन सफल हो गया


जीवन एक कविता






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