Tuesday 25 April 2017

नींद न आने के कारण/उपाय

अच्छी नींद लेना हमारे स्वास्थय के लिए बहुत आवश्यक है। अगर भरपूर नींद लेते है तो कई बीमारियों से बच सकते हैं। और अगर नींद नहीं आती है तो शरीर फुर्तीला नहीं रहता। हर इंसान को नींद की उतनी ही जरुरत है जीतनी भोजन और जल की। पर आज कल की भाग दौड़ की जिंदगी में लोगों को नींद नहीं आती। हर दूसरा आदमी नींद न आने की बीमारी से परशान है। ठीक से नींद न आना कई बीमारियों का संकेत है। एक स्वस्थ इंसान को कितनी नींद लेनी चाहिए ये हमारी उम्र पर निर्भर करता है -
बच्चे - लगभग ९ से १० घंटे
किशोर  - लगभग ७ से ८ घंटे
व्यस्क -  लगभग ५ से ६ घंटे
मनोविज्ञानिकों व् डाक्टरों मानना है कि कम से कम ७ से ८ घंटे की तो लेनी ही चाहिए जो की एक अच्छे स्वास्थ्य के लिए जरुरी है। ६० वर्ष की आयु में ६ से ७ घंटे की नींद भी पर्याप्त है। ऐसे में ठीक से नींद न आना एक समस्या बन सकता है। आइये जानने की कोशिश करते है की नींद क्यों नहीं आती ---


नींद न आने के कारण --


नींद न आने की वजह है आज का life style और अनियमित जीवन , मादक पदर्थों का सेवन, सोते समय टीवी देखना, चिंता या डिप्रेशन, अनुकूल वातावरण का न होना, दर्द और पीड़ा, ज्यादा उम्र होना। ये कुछ कारण है। जिनमें से किसी एक के भी होने से नींद नहीं आती है। हमें इन सभी कारणों को दूर करने की कोशिश करनी चाहिए। देखते है कैसे हम इन से निजात पा सकते हैं ---


अच्छी नींद के लिए उपाय -----


सोने और सुबह उठने का टाइम fix कीजिये। इससे आपकी आदत बन जाएगी और खुदबखुद नींद आएगी।


कभी खाली पेट नहीं सोना चाहिए। सोने से २ या ३ घंटे पहले भोजन कर लेना चाहिए। भोजन हल्का होना चाहिए।

सोने से पहले रोज एक जैसी चीज करें जैसे बुक पढ़ना, music सुनना, पूजा करना आदि। ऐसा करने से आपकी आदत बन जाएगी और काम आपको नींद आ जाएगी।


आरामदायक कपडे पहनें।


पैर धोकर बिस्तर पर जाएं।


सोने का माहौल बनाये जैसे बिस्तर लगाना, लाइट बंद करें नींद खुदबखुद आ जाएगी।


शांत मन से सोने जायें। उस दिन के लिए भगवान का धन्यवाद करें अपने मन की सारी बातें उनसे बोलें और शान मन से सोने की कोशिश करें।


दिन में सोने की आदत को त्याग दें।


अगर आप थोड़ा सा ध्यान दे तो नींद न आने की समस्या से मुक्ति मिल सकती है सिर्फ हमें प्रयास करने की आवश्यकता है।


जीवन एक कविता 













Sunday 23 April 2017

पानी/water

क्षिति, जल, पावक, गगन और समीरा इन पाँच तत्वों से हमारे शरीर की रचना हुई है। इनमें वायु और जल ये ऐसे दो तत्व हैं जिनके बिना हमारे जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। जल प्रकृति की अमूल्य देन है। अन्न के बिना हम कुछ दिन तक जीवित रह सकते है पर जल के बिना नहीं। जल हर जीव की आवश्कयता है चाहे वो मनुष्य हो, पेड़ पौधे हों या पशु पक्षी। जल के बिना न फसले होती, न फल, न सब्जियाँ और न घास फूस कुछ भी नहीं होता यहाँ तक की जीवन भी नहीं होता।
मानव शरीर में दो तिहाई मात्रा पानी की होती है। इसीसे स्पष्ट है कि मानव शरीर के लिए जल कितना आवश्यक है। यह हमारे शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है। जल के बिना हमारे जीवन की कल्पना करना भी कठिन है। पर विडंबना है कि जल के महत्व को जानते हुए भी हमने इसे दूषित करना शुरु कर दिया है। जल प्रदूषण और जल की बर्बादी के फलस्वरुप अब हमारे पीने के लिए शुद्ध जल प्राप्त नहीं हो पा रहा है। इसके दूरगामी परिणाम अच्छे नहीं है। जल जीवन के लिए अमृत है इसलिए हमें जीवन को बचाने के लिए पानी का संरक्षण अति आवश्यक है। आज हम देखते हैं कि कुछ लोग पानी को बर्बाद कर रहे हैं और कुछ के पास पीने के लिए भी पानी है। अगर हम अपनी जरुरत के अनुसार ही पानी का इस्तमाल करें तो और लोगो को भी पानी मिल सकें। गर्मी के दिनों में पानी की कमी हो जाती है जबकि खपत बढ़ जाती है इसलिए पानी का इस्तमाल सोच समझ कर करें। पशु पक्षियों के लिए पानी बर्तन में भर कर रखें। 
जल केवल हमारी प्यास ही नहीं बुझाता बल्कि इससे बिजली भी बनाई जाती है और आप जानते ही है कि बिजली का प्रयोग जीवन के हर क्षेत्र में है। हमारे बहुत से काम बिजली के बिना नहीं होते। इसलिए जीवन और देश की खुशहाली के लिए पानी की एक एक बूंद को बचाना होगा तभी हमारा भविष्य सुरक्षित होगा। 


जीवन एक कविता 
















 





Thursday 20 April 2017

मजदूर/Laborer

Hello friends आजकल मेरे घर में रंग -रोगन हो रहा है। मजदूर लगे हुए हैं। उनकी लाइफ को देख कर मेरे मन में विचार आया कि ये लोग कितनी मेहनत करते हैं, कितनी कठिन और संघर्ष भरी है इनकी जिंदगी। मन में जो विचार हैं उनको आपके साथ शेयर कर रही हूँ ---


मजदूर जिसे श्रमिक भी कहते हैं। मानवीय शक्ति के द्वारा जिसमें शारीरिक बल और प्रयासों से जो कार्य करने वाला होता है उसे ही मजदूर कहा जाता है। मजदूर हमारे समाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जिसके बिना कोई भी कार्य पूरा नहीं हो सकता। आज के इस मशीनी युग में भी उसका महत्व है। जीवन का कोई भी कार्य उसके बिना पूरा नहीं हो सकता चाहे वो व्यापर हो, भवन निर्माण हो, कृषि, पुल एवं सड़कों का निर्माण हो। मजदूर मानवीय श्रम का सबसे आदर्श उदाहरण है। मजदूर अपना श्रम बेचता है और बदले में न्यूनतम मजदूरी पाता है। वह हमारी आर्थिक उन्नति में सहायक है, वह सभी किर्याकलापों के मूल में है फिर भी उसकी अपनी जिंदगी कितनी कष्टों भरी है हम कल्पना भी नहीं कर सकते। रोज कमाता है रोज खाता है। जब तक वह शारीरिक रूप से कार्य करने में सक्षम है तब तक उसका गुजारा होता रहता है। जिस दिन वह अशक्त होकर काम छोड़ देता है उसके लिए जीवन यापन कठिन हो जाता है। यद्यपि आज मजदूर की स्थिति में सुधार हुआ है लकिन वो पर्याप्त नहीं है। हमे इस दिशा में सोचने और कार्य करने की जरुरत है जिससे उनका जीवन और भविष्य सुरिक्षत हो।
आज प्रांतीय एवं केंद्र सरकार की ओर से मजदूरों के लिए कल्याणकारी योजनाए भी बनती हैं जिससे मजदूरों की दशा में सुधार भी हुआ है पर वो पर्याप्त नहीं है।
मजदूर एक तो श्रम संगठन के तहत कार्य करते है दूसरे असंगठित क्षेत्र के मजदुर हैं। असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की दशा बहुत दयनीय है। उनके के लिए बहुत काम करने की जरूरत है। हमे और सरकार को सुनिचित करना चाहिए कि उन्हें सामाजिक व् आर्थिक सुरक्षा मिले। उनके श्रम का सम्मान होना चाहिए।
मैं देखती हूँ इतनी गर्मी में मजदूर काम कर रहे है अरे हम एयर कंडीशन में बैठे हैं। ये लोग धूल -मिट्टी, रंग रोगन में काम कर रहे है पर इनको कोई शिकायत नहीं है। रोटी खाकर थोड़ी देर सुस्ता लेते हैं और फिर से काम पर लग जाते हैं। शाम को जाने से पहले सारी सफाई भी करके जाते हैं। दूसरी ओर मैं हूँ जो अपने घर की सफाई करने के बाद मेरे हाथों में एलर्जी हो गयी है। मजदूरों के हाथों को कुछ नहीं होता दूसरी ओर में हूँ कि उनके सफाई करने के बाद पोछा लगाने से मेरे हाथों एलर्जी हो गयी जबकि मैं अपने घर के काम स्वयं की करती हूँ।
कितने नाजुक है हम।
धन्य है मजदूर जो निरंतर काम और सिर्फ काम करता है। सलाम है मजदुर को।


जीवन एक कविता 

Monday 17 April 2017

सत्तू का नमकीन शर्बत

गर्मी का समय है। हम गर्मी से बचने के लिए तरह तरह के उपाय करते हैं उसीमें एक है सत्तू का प्रयोग। कल हमने सत्तू का मीठा शर्बत सीखा था पर शुगर के मरीज इसका सवें नहीं सकते। उनके लिए सत्तू का नमकीन शर्बत एक अच्छा विकल्प है। आइये देखते हैं कि सत्तू का नमकीन शर्बत कैसे बनता है ---


सामग्री


चने का सत्तू  ४ टेबल स्पून
काला नमक   १/२ टी स्पून 
भुना जीरा पाउडर  १/२ टी स्पून  
काली मिर्च पाउडर  १/४ टी स्पून 
नीबू का रस १ टी स्पून 
पुदीना पत्ती बारीक़ कटी हुई २ टी स्पून 
सफेद नमक स्वादानुसार


विधि


एक बाउल में ४ चम्मच सत्तू पाउडर लीजिये।
भुना जीरा पाउडर, काला नमक, काली मिर्च और सफेद नमक दाल कर अच्छे से mix कीजिये।
थोड़ा थोड़ा पानी डाल कर मिक्स कीजिये ध्यान रखें गुठली नहीं पड़नी चाहिए।
२ कप पानी डाल कर मिक्स कीजिये।
नीबू का रस और पुदीना पत्ती मिलाइये
गिलास में बर्फ डाल कर ठंडा ठंडा सर्व कीजिये।


enjoy सत्तू का नमकीन शर्बत with your family & friends


जीवन एक कविता



Friday 14 April 2017

सत्तू का मीठा शर्बत

गर्मी अपने चरम पर है। गर्मी से रहत के लिए हम कई चीजों का प्रयोग करते हैं जैसे शिकंजी, मट्ठा, लस्सी, नारियल पानी, आम पना, सत्तू और भी बहुत सारी चीजों का प्रयोग करते है। सत्तू सेहत के लिए वरदान है। गर्मियों में इसका सेवन शीतलता प्रदान करता है। विभिन्न अनाजों जैसे जौ, चना,गेहूं, मक्का, चावल आदि को सूखा भूनकर और उसको पीस कर बनाये गए चूर्ण को सत्तू कहते हैं। गर्मियां शरू होते ही भारत के अधिकांश लोग सत्तू का प्रयोग करते हैं। यह एक ठंडा पेय पदार्थ है। आज सत्तू का प्रयोग अनेक तरह से होता है जैसे सत्तू का परांठा, सत्तू की कचौड़ी, सत्तू का लड्डू, सत्तू की ठंडाई, सत्तू का नमकीन व् मीठा शर्बत। आज हम देखेंगे की सत्तू का मीठा शर्बत कैसे बनाते है ---


दो लोगों के लिए सत्तू बनाने के लिए हमें चाहिए


सामग्री


सत्तू चूर्ण २ -३ टेबल स्पून 
गुड़  ४ टेबल स्पून ग्रेटेड 
कला नमक १/५ टी स्पून (optional)
पानी ५०० से ६०० ml
बर्फ


विधि सर्व


एक बाउल में सत्तू चूर्ण लें फिर पानी डाल कर ठीक से मिक्स कर लें। पानी थोड़ा थोड़ा।
अब इसमें गुड़ डाल कर गुड़ के घुलने तक मिक्स करें।
add कला नमक और मिक्स करें।
गिलास में डालें ,ऊपर से बर्फ डाल कर ठंडा ठंडा सर्व करें।


सत्तू का मीठा शर्बत तैयार है। enjoy it & feel cool cool


जीवन एक कविता 

Monday 10 April 2017

Housewife

housewife यानि गृहणी
कल में TV पर नच बलिये प्रोग्राम देख रही थी। उसमें एक Contestant हैं Amanjot और Pritam Singh इनका डांस देखकर judge Terence Lewis ने Amanjot से कहा कि आप dancer नहीं है एक housewife हैं मुझे
उम्मीद नहीं थी कि आप इतना अच्छा dance करेंगी। Amanjot  reply देती है कि लोगो  लगता है कि housewife कुछ  नहीं कर सकती  housewife जो पूरे घर को संभाल सकती है वो कुछ भी कर सकती है। इस घटना ने मुझे सोचने पर विवश किया कि हम लोग एक housewife कम क्यों आंकते है।
एक housewife २४ hours duty पर होती है। सुबह होते ही गृहणियों का व्यस्त routing शुरू हो जाता है।
सुबह का नाश्ता, बच्चों को तैयार करना, पति व् बच्चों का टिफिन बनाना, बच्चो को स्कूल भेजना वापिस आकर घर के काम करना जैसे साफ सफाई , कपड़ें धोना, खाना बनाना, market जाना, बच्चों का होमवर्क करवाना साथ ही पति को सारी चिंताओं से दूर रखती है......  इतना सब करते हुए उनके होठो मुस्कान बिखरी रहती है, चेहरे पर कोई शिकन तक नहीं होती ---  ऐसी होती है housewife
आज की housewife Techno Friendly होने से घर के कामों को आसानी से और कम समय में कर लेती है। बिजली, पानी,phone और इंटरनेट के बिल, shopping वो घर बैठे बैठे Technology की मदद से कर लेती है। इन सब कामों के लिए उसे पति पर निर्भर नहीं रहना पड़ता। 
आज की housewife सबसे अच्छी वित्त मंत्री है क्योंकि अपने घर का बजट वही बनती है। 
Time Management तकनीक को अपनाकर वह घर के कामों को आसानी से काम समय में बेहतर ढंग से निपटाती है। Time Management सीखना है तो housewife से सीखये। 
मैं मानती हूँ कि working women बाहर जाकर नौकरी करती है व् पैसा कमाने में पति की मदद करती है लकिन housewife भी कम नहीं है जरूरत पड़ने पर वो भी पैसा कमाने में पति की मदद कर सकती है और करती भी है। एक तरह से देखा जाये तो वो पति की मदद ही करती हैं। working women को घर के कामो के लिए सर्वेन्ट्स की मदद लेनी होती है, बच्चो को day care में भेजना पड़ता हैं, homework के लिए टीचर रखना पड़ता है और एक housewife के होते हुए इस सबकी जरूरत नहीं पड़ती इस तरह वो पति की मदद करती है। 
मुझे लगता है कि housewife और working women दोनों का अपना अपना महत्व है इसलिए हमे दोनों का सम्मान करना चाहिए तुलना नहीं। housewife भी आदर और सम्मान की पात्र है वो नहीं तो परिवार मुश्किल में पड़ जाता है। 
सलाम है housewife को। 


जीवन एक कविता 

Saturday 8 April 2017

दिव्यांग

Hello friends आज मैंने facebook पर एक picture देखी जिसमें एक छोटी से बच्ची अपनी पैर की उगंली से लिख रही है क्योंकि कोहनी के नीचे उसके हाथ नहीं है। उस नन्ही परी के जज्बे को सलाम। उस picture को देख कर बहुत सारे विचार मन में आये। धन्य है वो माता पिता जो अपनी बच्ची के लिए हौसला बने है। जिन्होंने बच्ची को इस लायक बनाया कि वो कुछ कर सकें। इस तस्वीर को देखकर एक बार तो दिल रोया पर फिर लगा की ये बच्ची तो उन लोगो के लिए मिसाल है जो हाथ पैर होते हुए भी कुछ नहीं करना चाहते। दुनिया में बहुत से लोग है जो शारीरिक रूप से असमर्थ होते हुए भी मानसिक रूप से पूर्ण समर्थ है, अपने दैनिक कार्यों के लिए वो किसी पर निर्भर नहीं हैं। आज जीवन के हर क्षेत्र में इन्होंने अपनी उपस्थिति दर्ज की है। हर क्षेत्र में ये कामयाब है चाहे वो शिक्षा हो, विज्ञान, खेल हो या उघोग। हम शारीरिक रूप से समर्थ होते हुए भी असमर्थ हैं।
हममें से बहुत से कुछ करना नहीं चाहते दूसरों पर निर्भर करते है। जैसे बच्चे माँ बाप पर, घरेलू कामों के लिए पुरुष स्त्री पर। हाथ पैर होते हुए भी हम मेहनत नहीं करना चाहते। आपने देखा होगा कुछ लोग भीख मांगते है  मेहनत करके रोटी नहीं कमा सकते। ऐसे लोगो को इन दिव्यांगों से सबक लेना चाहिए।
दिव्यांग कितना सही नाम दिया है प्रधानमंत्री नरेंद मोदी जी ने। दिव्य अंगो वाले। जब हममें कोई कमी होती है तो इश्वेर एक दिव्य शक्ति देता है जिससे हम ऐसे ऐसे काम कर जाते हैं जिनके बारे में ये समाज और आम आदमी सोच भी नहीं सकता।
सलाम है दिव्यांगों को और आवश्यकता है उनसे सबक लेने की।


जीवन एक कविता 

Friday 7 April 2017

कच्चे आम का पना

गर्मी का मौसम है। लू चल रही है। लू से बचने का आसान तरीका है कच्चे आम का पना। ये एक प्राचीन भारतीय पेय पदार्थ है। आम का पना स्वादिष्ट होने के साथ ही आपके शरीर को शीतलता और ताजगी देता है। आपको गर्मी व् लू से भी बचाता है। इसे बनाना बहुत ही आसान है साथ ही जल्दी भी बन जाता है। तो देखते है कि कच्चे आम का पाना कैसे बनता है -



सामग्री




कच्चे आम - ३ मीडियम आकार के
चीनी - १५० ग्राम (१/२ - ३/४ कप)
भुना जीरा पाउडर - २ चम्मच
काला नमक स्वादानुसार
काली मिर्च १/४ चम्मच
सफेद नमक स्वादानुसार
पुदीना - 20-30 पत्तियाँ


विधि


कच्चे आम का पना बनाने के लिए हम दो तरीके अपना सकते है ---


१ - प्राचीन समय में कच्चे आम को चूल्हे की राख में दबा कर भूना जाता था और फिर उस भुने हुए आम से पना बनाया जाता था पर आजकल चूल्हे की जगह गैस ने ले ली है। इसलिए जिस प्रकार हम गैस पर बैगन भूनते है उसी तरह कच्चे आम को भी भून सकते हैं। भुने हुए आम के गूदे से पाना बनाया जाता है।


२ - आजकल हम कच्चे आम उबाल कर पीस लेते हैं फिर उससे आम का पना बनाते हैं। लेकिन उबले हुए आमों को छील कर उनका गूदा निकलने की जगह उबलने से पहले कच्चे आमों को छील लेना ज्यादा आसान होता है। आज हम इसी तरीके से आम का पना बनायेंगे।


कच्चे आमों को धोकर छील लीजिये फिर उनकी गुठलियों से गूदे को अलग करके एक कप पानी के साथ प्रेशर कुकर में उबाल लीजिये।


मिक्सी में उबला हुआ गुदा, चीनी, कला नमक, सफेद नमक और पुदीने की पत्तियाँ डाल कर अच्छी तरह पीस लीजिये।


अब इसमें एक लीटर ठंडा पानी मिला कर छलनी में छान लीजिये।


आम का पना तैयार है। इसमें भुना जीरा और काली मिर्च दाल कर ठीक से मिक्स कीजिये।
बर्फ के टुकड़े दाल कर ठंडा-ठंडा ,पुदीने की पत्तियों से गार्निश कर सर्व कीजिये।

Thursday 6 April 2017

Tips to fight summer/गर्मी से बचने के उपाय

ग्रीष्म ऋतु चल रही है। इस ऋतु में सूरज की तेज किरणों से मनुष्य ही नहीं बल्कि सभी जीव-जंतु, वनस्पतियां, नदी, तालाब, कुएं आदि प्रभावित हुए बिना नहीं रहते। खासकर अप्रैल, मई एवं जून की गर्मी व्यक्ति को अधिक व्यथित करती है जिससे बचने के उपाय हमें करना अतिआवश्यक है। आइए आप और हम निम्न उपायों को अपना कर काफी हद तक गर्मी की दस्तक से बच सकते हैं। गर्मी में हमारे शरीर को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचता है, इसलिए जितना हो सके गर्मी से बचने की कोशिश करनी चाहिए। घरेलू उपाय आजमा कर हम गर्मी में धूप से बच सकते है।
- सादा पानी आपकी त्वचा को तरोताजा रखता है। इसलिए पानी का सेवन अधिक करें। आप अगर बहुत थकान महसूस कर रहे हैं तो पानी के छीटों से आप फ्रेश महसूस करेंगे।
- खीरे के जूस को, पिसी हुई चंदन,मुल्तानी मिट्टी और चंदन पाउडर लगाने से आपकी त्वचा को ठंडक महसूस होगी। ये सभी प्राकृतिक मॉइस्चराइज़र की तरह काम करतें हैं। इससे चेहरे पर ठंडक महसूस होती है। 
- गर्मी के मौसम में खान-पान पर विशेष ध्यान देना चाहिए। अधिक घी तेल मसालेदार खाना नहीं खाना चाहिए क्योंकि इससे पाचन-क्रिया प्रभावित होती है। प्रकृति ने भी इस मौसम के लिए उपयोगी पानी की अधिक मात्रा वाले फल व् सब्जियां हमे दी हैं। 
- नीबू पानी, छांछ, लस्सी, नारियल पानी, कच्चे आम का पना, ठंडाई, बेल का शरबत, जलजीरा, सत्तू, खस का शरबत, तरबूज का जूस आदि पीना फयदेमंद होता है।
- गर्मी के मौसम में सूती वस्त्र ही पहनें, क्योंकि सूती वस्त्र पसीना सोखने में कारगर होते हैं। अक्सर ये देखने में आता है कि हम बच्चों को बनियान या समीज नहीं पहनाते केवल फ्राक या कमीज ही पहना देते है , ये ठीक नहीं है। बनियान या समीज अवश्य पहनाइए ये अंदरूनी वस्त्र लू से बचाने का काम करते है। 
- इस मौसम में तेज लपट और झुलसा देने वाली गर्म हवा चलती है। इससे बचने के लिए जब भी हम घर से बाहर निकलें तो एक गिलास ठंडा पानी पीकर ही निकलें। चलते समय एक प्याज भी जेब में रख लें तो लू लगने से बचा जा सकता। छतरी और धूप का चश्मा अवश्य साथ रखें। 
- पुदीने का प्रयोग कीजिये। पुदीने का रायता, पुदीने का मट्ठा, पुदीने की चटनी आदि का प्रयोग कीजिये। पुदीना ठंडक देता है। मैंने पुदीने की गडडी को फूलों की तरह गुलदस्ते में सजाते हुए भी देखा है। दुकानदार गर्मी के मौसम में पुदीने की गडडी को गुलदस्ते में सजाते हैं। उसकी खुशबू से ठंडक मिलती है। 
अगर आप इन बातो का ध्यान तो गर्मी से कुछ हद तक राहत मिल सकती है। कहा भी गया है कि स्वास्थ्य ही जीवन है और स्वास्थ्य ही धन है।


जीवन एक कविता 






Wednesday 5 April 2017

रामनवमी

Hello friends रामनवमी की आप सभी को शुभकामनायें। 
'रामनवमी' हिन्दुओं का प्रसिद्द पर्व है। यह चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है। इस दिन को भगवान श्री राम के जन्मदिन के रूप में मनाते हैं। राम जन्म को रामनवमी के रूप में पूरे देश में मनाया जाता है। इनका जन्म अभिजित नक्षत्र में दोपहर बारह बजे चैत्र शुल्क पक्ष नवमी को हुआ था इसलिए सभी भक्तजन अपना चैत्र नवरात्री का उपवास दोपहर बारह बजे पूरा करते हैं और अन्न का सेवन करते हैं । घरों में खीर पूरी और हलवे का भोग बनाया जाता हैं। कई जगहो पर अखंड रामायण का पाठ किया जाता है। रथ यात्रा निकाली जाती है। रामनवमी के दिन जगह-जगह घरों और मंदिरों में श्री राम की पूजा-अर्चना की जाती है और झांकियां सजाई जाती हैं। सभी लोग त्यौहार को हर्ष उल्लास के साथ मनाते हैं।  
श्री रामचंद्र का जन्म एक उद्देश्य के साथ हुआ था। जब जब इस धरती पर पाप और अत्याचार बढ़ता है तब भगवान मानव के रूप में इस धरती पर जन्म लेते है। पाप का विनाश करने के लिए ही भगवान विष्णु ने राम के रूप में जन्म लिया था। 
श्री रामचंद्र का जीवन त्याग और संघर्ष से भरा है। हमें स्मरण रखना चाहिए कि श्रीराम ने त्याग और संघर्ष जैसे कष्टमय मार्ग पर चलकर स्वयं को मर्यादा पुरुषोत्तम के स्वरूप में प्रस्तुत किया। सत्य के  मार्ग पर हमेशा चलते रहे, अनेक कष्ट सहे मगर फिर भी लोक कल्याण के लक्ष्य से डिगे नहीं, हरदम आगे बढ़ते रहे।  वास्तव में भगवान राम ने परुष चरित्र को चरितार्थ किया था। श्री राम ने धर्म और कर्म को जीवन का आधार बनाया। सत्य और धर्म के मार्ग पर चलकर रावण जैसे राक्षस से इस धरती को मुक्त किया। 
एक प्रकार से भगवान राम का जन्म दिन रामनवमी बुराई पर अच्छाई पर्व है। रामनवमी पर यह दृढ़निश्चय करें कि अपने मन और मार्ग को श्रीराम की भक्ति में लगा देंगे और कभी गलत काम नहीं करेंगे। 


जीवन एक कविता