कल एक न्यूज़ देखी कि छोटे से विवाद में कुछ लड़को ने एक लड़के की नाक काट दी
मैं सोचने पर मजबूर हुई कि आज हमारा समाज किस दिशा में जा रहा है ?
छोटी छोटी सी बातो पर हम अपना संयम खो देते है.
क्या किसी की जिंदगी से इस तरह खेलना ठीक है. इस सबसे हमको क्या हासिल होता है?
क्या हम अपने ऊपर संयम नहीं कर सकते?
अगर हम इस आक्रोष को किसी सकारात्मक कार्य में इस्तेमाल करे तो हम समाज के लिए कुछ अच्छा काम कर सकते है/
प्लीज सोचिए!
अपने आक्रोष को सर्जनात्मक कार्य में ही इस्तेमाल करे और समाज के काम आये।
सहनशीलता मानव का एक गुण है जो सिर्फ उसी के पास है प्लीज इस पर अमल कीजिये।
Jeevan Ek kavita
मैं सोचने पर मजबूर हुई कि आज हमारा समाज किस दिशा में जा रहा है ?
छोटी छोटी सी बातो पर हम अपना संयम खो देते है.
क्या किसी की जिंदगी से इस तरह खेलना ठीक है. इस सबसे हमको क्या हासिल होता है?
क्या हम अपने ऊपर संयम नहीं कर सकते?
अगर हम इस आक्रोष को किसी सकारात्मक कार्य में इस्तेमाल करे तो हम समाज के लिए कुछ अच्छा काम कर सकते है/
प्लीज सोचिए!
अपने आक्रोष को सर्जनात्मक कार्य में ही इस्तेमाल करे और समाज के काम आये।
सहनशीलता मानव का एक गुण है जो सिर्फ उसी के पास है प्लीज इस पर अमल कीजिये।
Jeevan Ek kavita
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ReplyDeleteVery positive msg for the young ppl.. logo ko ish disha mai sochna chahiye 😊👌
ReplyDeleteVery well said mam...अपने आक्रोष को सर्जनात्मक कार्य में ही इस्तेमाल करे और समाज के काम आये।
ReplyDeleteसहनशीलता मानव का एक गुण है जो सिर्फ उसी के पास है प्लीज इस पर अमल कीजिये
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