Sunday 23 April 2017

पानी/water

क्षिति, जल, पावक, गगन और समीरा इन पाँच तत्वों से हमारे शरीर की रचना हुई है। इनमें वायु और जल ये ऐसे दो तत्व हैं जिनके बिना हमारे जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। जल प्रकृति की अमूल्य देन है। अन्न के बिना हम कुछ दिन तक जीवित रह सकते है पर जल के बिना नहीं। जल हर जीव की आवश्कयता है चाहे वो मनुष्य हो, पेड़ पौधे हों या पशु पक्षी। जल के बिना न फसले होती, न फल, न सब्जियाँ और न घास फूस कुछ भी नहीं होता यहाँ तक की जीवन भी नहीं होता।
मानव शरीर में दो तिहाई मात्रा पानी की होती है। इसीसे स्पष्ट है कि मानव शरीर के लिए जल कितना आवश्यक है। यह हमारे शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है। जल के बिना हमारे जीवन की कल्पना करना भी कठिन है। पर विडंबना है कि जल के महत्व को जानते हुए भी हमने इसे दूषित करना शुरु कर दिया है। जल प्रदूषण और जल की बर्बादी के फलस्वरुप अब हमारे पीने के लिए शुद्ध जल प्राप्त नहीं हो पा रहा है। इसके दूरगामी परिणाम अच्छे नहीं है। जल जीवन के लिए अमृत है इसलिए हमें जीवन को बचाने के लिए पानी का संरक्षण अति आवश्यक है। आज हम देखते हैं कि कुछ लोग पानी को बर्बाद कर रहे हैं और कुछ के पास पीने के लिए भी पानी है। अगर हम अपनी जरुरत के अनुसार ही पानी का इस्तमाल करें तो और लोगो को भी पानी मिल सकें। गर्मी के दिनों में पानी की कमी हो जाती है जबकि खपत बढ़ जाती है इसलिए पानी का इस्तमाल सोच समझ कर करें। पशु पक्षियों के लिए पानी बर्तन में भर कर रखें। 
जल केवल हमारी प्यास ही नहीं बुझाता बल्कि इससे बिजली भी बनाई जाती है और आप जानते ही है कि बिजली का प्रयोग जीवन के हर क्षेत्र में है। हमारे बहुत से काम बिजली के बिना नहीं होते। इसलिए जीवन और देश की खुशहाली के लिए पानी की एक एक बूंद को बचाना होगा तभी हमारा भविष्य सुरक्षित होगा। 


जीवन एक कविता 
















 





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