हैलो friends आपसे कुछ समय बात नहीं हो पाई क्योंकि मैं घर पर नहीं थीं। एक लंबे अंतराल के बाद आपसे रुबरु हो रही हूँ।
आज हम शिक्षा के बारे में बात करते हैं। शिक्षा क्या है ? बालक जब जन्म लेता है तो वो कोरे कागज की तरह होता है। जैसे जैसे वो बड़ा होता है वो नयी नयी चीजें सीखता है। हर पल वो कुछ नया अनुभव करता है। अनुभव करना या किसी बात को जानना ही शिक्षा है। शिक्षा का दायरा सीमित न होकर विस्तृत है। मानव जीवन से लेकर मरण तक शिक्षा का पाठ पढ़ता है। शिक्षा दो तरह से मिलती है एक तो वो जो जिंदगी हमें सिखाती है दूसरी वो जो हम स्कूल और कॉलेज में सीखते हैं। प्राचीन कल में शिक्षा गुरुकुलों में होती थी। छात्र पूर्ण शिक्षा ग्रहण करके ही घर वापिस लौटता था। लेकिन आज जगह-जगह सरकारी और गैर-सरकारी विद्यालयों में शिक्षण कार्य होता है । शिक्षा हमारे समाज की आत्मा है जो कि एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को दी जाती है यानि हम अपने बड़ो से सीखते है और अपने बच्चो को सिखाते हैं। बालक का मन कोमल होता है वो अपने माता पिता के आचरण को देखकर बहुत कुछ सीखता है इसलिए बच्चे के सामने हमारा आचरण संतुलित होना चाहिए। अच्छी आदतें बच्चा घर से ही सीखता है। यही आदतें उसको एक अच्छा इंसान बनाती हैं। दूसरी शिक्षा वो जो हम स्कूल में प्राप्त करते हैं। वहां पर शिक्षक भिन्न-भिन्न विषयों की शिक्षा देते हैं जिससे उसका मानसिक स्तर धीरे-धीरे ऊपर उठने लगता है। उसके मस्तिष्क में तरह-तरह के प्रश्न उठते हैं। इन सब प्रश्नों का उत्तर हमें शिक्षा के द्वारा मिलता है। जैसे-जैसे हम शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ते जाते हैं, वैसे-वैसे हमारा ज्ञान विस्तृत होता जाता है। ज्ञान का अर्थ केवल शब्द ज्ञान नहीं अपितु अर्थ ज्ञान है मतलब हम जो सीख रहे है उसको ठीक से आत्मसात भी करें। शिक्षा सर्वश्रेष्ठ धन है । इसे चोर भी चुरा नहीं सकता । जो दूसरों को देने पर बढ़ता है। शिक्षा या विद्या अच्छा मित्र है। उत्रति का प्रथम सोपान शिक्षा है । यह एक व्यक्ति को उसके मानसिक, शारीरिक और आत्मिक स्तर को सुधारने में मदद करती है। शिक्षा हमें प्रग्रतिशील, आत्मनिर्भर, उदार,विनयी, सहनशील, जागरूक, परिश्रमी, बहुमुखी, दूरदर्शी बनाती है। शिक्षा एक व्यक्ति के लिए आन्तरिक और बाह्य ताकत प्रदान करने का सबसे महत्वपूर्ण साधन है। शिक्षा सभी का मौलिक अधिकार है और किसी भी इच्छित बदलाव और मनुष्य के मस्तिष्क व समाज के उत्थान में सक्षम है।
आज हम देखते है कि हमारे समाज में शिक्षित लोगों का प्रतिशत बहुत कम है जिसमें लड़कियों का और भी कम। मेरा सभी माता - पिता से निवेदन है कि वे लड़का और लड़की में भेदभाव किये बिना उनकी शिक्षा पर पूरा ध्यान दें। कहा भी गया है अगर आप एक पुरुष को शिक्षित करते हैं तो आप सिर्फ एक पुरुष को शिक्षित करते हैं:लेकिन अगर आप एक स्त्री को शिक्षित करते हैं तो आप एक पूरी पीढ़ी को शिक्षित करते हैं। शिक्षा समाज और देश को मजबूत बनाती है यदि हम शिक्षित होंगें तो हमारा देश भी उन्नति करेगा। शिक्षा के महत्व को जानिए और अपने जीवन को सफल बनाए।
जीवन एक कविता
आज हम शिक्षा के बारे में बात करते हैं। शिक्षा क्या है ? बालक जब जन्म लेता है तो वो कोरे कागज की तरह होता है। जैसे जैसे वो बड़ा होता है वो नयी नयी चीजें सीखता है। हर पल वो कुछ नया अनुभव करता है। अनुभव करना या किसी बात को जानना ही शिक्षा है। शिक्षा का दायरा सीमित न होकर विस्तृत है। मानव जीवन से लेकर मरण तक शिक्षा का पाठ पढ़ता है। शिक्षा दो तरह से मिलती है एक तो वो जो जिंदगी हमें सिखाती है दूसरी वो जो हम स्कूल और कॉलेज में सीखते हैं। प्राचीन कल में शिक्षा गुरुकुलों में होती थी। छात्र पूर्ण शिक्षा ग्रहण करके ही घर वापिस लौटता था। लेकिन आज जगह-जगह सरकारी और गैर-सरकारी विद्यालयों में शिक्षण कार्य होता है । शिक्षा हमारे समाज की आत्मा है जो कि एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को दी जाती है यानि हम अपने बड़ो से सीखते है और अपने बच्चो को सिखाते हैं। बालक का मन कोमल होता है वो अपने माता पिता के आचरण को देखकर बहुत कुछ सीखता है इसलिए बच्चे के सामने हमारा आचरण संतुलित होना चाहिए। अच्छी आदतें बच्चा घर से ही सीखता है। यही आदतें उसको एक अच्छा इंसान बनाती हैं। दूसरी शिक्षा वो जो हम स्कूल में प्राप्त करते हैं। वहां पर शिक्षक भिन्न-भिन्न विषयों की शिक्षा देते हैं जिससे उसका मानसिक स्तर धीरे-धीरे ऊपर उठने लगता है। उसके मस्तिष्क में तरह-तरह के प्रश्न उठते हैं। इन सब प्रश्नों का उत्तर हमें शिक्षा के द्वारा मिलता है। जैसे-जैसे हम शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ते जाते हैं, वैसे-वैसे हमारा ज्ञान विस्तृत होता जाता है। ज्ञान का अर्थ केवल शब्द ज्ञान नहीं अपितु अर्थ ज्ञान है मतलब हम जो सीख रहे है उसको ठीक से आत्मसात भी करें। शिक्षा सर्वश्रेष्ठ धन है । इसे चोर भी चुरा नहीं सकता । जो दूसरों को देने पर बढ़ता है। शिक्षा या विद्या अच्छा मित्र है। उत्रति का प्रथम सोपान शिक्षा है । यह एक व्यक्ति को उसके मानसिक, शारीरिक और आत्मिक स्तर को सुधारने में मदद करती है। शिक्षा हमें प्रग्रतिशील, आत्मनिर्भर, उदार,विनयी, सहनशील, जागरूक, परिश्रमी, बहुमुखी, दूरदर्शी बनाती है। शिक्षा एक व्यक्ति के लिए आन्तरिक और बाह्य ताकत प्रदान करने का सबसे महत्वपूर्ण साधन है। शिक्षा सभी का मौलिक अधिकार है और किसी भी इच्छित बदलाव और मनुष्य के मस्तिष्क व समाज के उत्थान में सक्षम है।
आज हम देखते है कि हमारे समाज में शिक्षित लोगों का प्रतिशत बहुत कम है जिसमें लड़कियों का और भी कम। मेरा सभी माता - पिता से निवेदन है कि वे लड़का और लड़की में भेदभाव किये बिना उनकी शिक्षा पर पूरा ध्यान दें। कहा भी गया है अगर आप एक पुरुष को शिक्षित करते हैं तो आप सिर्फ एक पुरुष को शिक्षित करते हैं:लेकिन अगर आप एक स्त्री को शिक्षित करते हैं तो आप एक पूरी पीढ़ी को शिक्षित करते हैं। शिक्षा समाज और देश को मजबूत बनाती है यदि हम शिक्षित होंगें तो हमारा देश भी उन्नति करेगा। शिक्षा के महत्व को जानिए और अपने जीवन को सफल बनाए।
जीवन एक कविता
No comments:
Post a Comment