Tuesday 7 March 2017

Women's Day

नारी और पुरुष जीवन रूपी गाड़ी के दो पहिये है। दोनों एक दुसरे के पूरक हैं अगर एक नहीं होगा तो गाड़ी
लड़खड़ा जाएगी। इसलिए जितनी अहमियत पुरुष की है उतनी ही नारी की भी। परन्तु आज भी समाज में नारी को कम आँका जाता है। हाँ मैं मानती हूँ कि आज नारी के प्रति हमारा और समाज का नजरिया बदल रहा है। नारी हर field में कामयाब है चाहे वो चिकित्सा हो या अनुसंधान या व्यवसाय पर ये प्रतिशत बहुत काम है। पर आज भी नारी समाज की कमजोर मानसिकता की शिकार है। इस दशा की नारियां खुद जिम्मेदार हैं। हमने खुद मौका दिया है लोगो को इस दशा के लिए। जो नारी एक और जिंदगी को जन्म दे सकती है उससे ज्यादा शक्तिशाली और कौन हो सकता है? आवश्कयता है अपने अंदर छिपी शक्ति को पहचानने की और अपने चरित्र का सम्पूर्ण विकास करने की क्योंकि नारी ही बालक के चरित्र का निर्माण करती है। अगर वो कमजोर होगी तो कैसे नयी पीढ़ी का निर्माण करेगी? आज महिला दिवस के अवसर पर सभी नारियो से निवेदन है कि अपने अंदर छिपी शक्तियों को पहचाने। संकल्प ले की आप मानसिक और शारीरिक स्वस्थ एवं दृढ़ बनेंगी। पुरुषों से भी निवेदन है की नारी को अपने से कम न आंके क्योंकि नारी के बिना आप अधूरे हैं।
नारी सम्मान और आदर के योग्य है जो उसे मिलना ही चाहिए।


जीवन एक कविता

2 comments:

  1. एक महिला की इज्जत करना,
    उसे खुबसूरत कहनें से भी ज्यादा खुबसूरत है।।। 👩🏻👩🏻

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  2. एक महिला की इज्जत करना,
    उसे खुबसूरत कहनें से भी ज्यादा खुबसूरत है।।। 👩🏻👩🏻

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