Tuesday 7 March 2017

नशा

नशा यानि intoxication
नशा शब्द को हम दो तरह से explain कर सकते है
एक तो वह मानसिक विकृति जो शराब,अफ़ीम ,गाँजा आदि मादक द्रव्यों का सेवन करने से उत्पन होती है।
दूसरी वो मानसिक दशा जो हमें किसी अच्छे कार्य को करने बाद मिलती है जैसे देश प्रेम का नशा,प्यार का नशा ,किसी चीज को पाने का जूनन और भी बहुत सारे कार्य जिनको पूरा करने के लिए हम दिन रात लगे रहते है।
पहली स्थिति हमारे लिए हानिकारक है। भारतवर्ष की एक बड़ी समस्या नशाखोरी है। आज इसकी लत बालक ,युवा ,प्रौढ़,महिलाएं ,college girls  सभी को है। कुछ गम और तनाव में इसको अपनाते है, कुछ fun  के लिए तो कुछ थकान दूर करने के लिए। कुछ morden बनने के लिए तो कोई धोखा खाने पर ,कोई आर्थिक नुकसान होने पर नशे को अपनाता है लकिन वो ये भूल जाता है कि एक समस्या को भूलने के लिए अनेक समस्याओं को आमंत्रित कर रहा है। नशा मनुष्य के जीवन में बीमारी ,बेरोज़गारी ,अशांति और भी बहुत सारी समस्याये लेकर आता है। नशा अपराधी बना देता है ,घरेलू हिंसा को बढ़ावा देता है ,घर टूट जाते हैं, भविष्य नष्ट हो जाता है। तो ऐसे नशे का क्या फायदा जो हमसे हमारा सब कुछ छीन लें। इसलिए समझदारी से काम ले और विषम परिस्थियों का डट कर मुकाबला करें। मनुष्य के लिए कुछ भी असम्भव नहीं है जरुरत है तो विवेक एवं संयम से काम लेने की न की मादक द्रव्यों के सेवन की। .
नशा करना ही है तो प्यार का,कार्य को ठीक से करने का ,जीवन में आगे बढ़ने का ,दुसरो के लिए जीने का नशा करो।
अब ये आप पर निर्भर करता है की आप किस नशे को अपनाते हैं। मैं तो जिंदगी में उस नशे को अपनाउंगी जिससे मानसिक शांति मिले न कि मानसिक विकृति।
प्लीज आप भी सोचिये आप किस नशे को अपनाना चाहते है सकारात्मक नशा या नकरात्मक नशे को !


जीवन  एक कविता 

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