परिवार नाम है एक समूह का जो लोगों से मिल कर बना है।
परिवार एक ऐसा स्थान जहाँ पति पत्नी मिल कर रहते है।
धीरे धीरे ये परिवार बढ़ता जाता है उनके बच्चो के रूप में।
परिवार हम है मैं नहीं क्योंकि परिवार में कुछ भी मेरा नहीं होता हमारा होता है।
परिवार ही वो जगह है जहाँ सभी मिलजुल कर रहते है।
जब एक बच्चा जन्म लेता है तो उसे एक परिवार मिलता है जहाँ वह बड़ा होता है।
परिवार में उसे जीने का सलीका मिलता है।
परिवार ही बच्चे की पहली पाठशाला है जहाँ वो बोलना, हँसना, खेलना, पढ़ना सीखता है।
परिवार हमें सीखता है एक दूसरे पर भरोसा करना, मदद करना और एक दूसरे का आदर करना।
परिवार वो है जहाँ हम अपने से पहले दूसरों की जरूरतों का ख्याल रखते है।
किसी एक का सुख -दुःख सब का होता है।
परिवार हमें त्याग ,आत्मसम्मान , सहनशीलता और अनुशासन सिखाता है।
परिवार की इज्ज़त और सम्मान से बढ़ कर कुछ नहीं होता।
छोटे छोटे परिवारों से मिल कर ही समाज बनता है , समाज से देश।
जिस प्रकार परिवार में सभी सदस्यों की सोच अलग अलग होती है फिर भी वे मिलजुल रहते है उसी प्रकार देश में भी भिन्न भिन्न जाति ,धर्म और विचारधारा के लोग रहते हैं। अपने परिवार की तरह देश रूपी परिवार का मान और सम्मान करना चाहिए।
जीवन एक कविता
Sahi baat hai :) Jai Hind
ReplyDeleteTogetherness ☺️
ReplyDeletethanks Richa & Parul
ReplyDelete